Thursday, August 22, 2019

मध्य प्रदेश राज्य के जिलों का पुनर्गठन व राज्य का विभाजन

 मध्य प्रदेश का आंतरिक पुनर्गठन व राज्य का विभाजन

                          हेलो दोस्तों आज हम 01 Nov 1956 में बने मध्य प्रदेश राज्य  बनने के बाद किस तरह से मध्य प्रदेश में अन्य जिलों का गठन हुआ तथा  किस तरह मध्य प्रदेश का विभाजन हुआ था। इस बात की  चर्चा करेंगे। मध्य प्रदेश राज्य के 1 नवंबर 1956 में गठित होने के समय इसमें 43 जिले व 8 संभाग थे, बनने के कुछ वर्षों बाद ही मध्यप्रदेश में आंतरिक जिलों का पुनर्गठन प्रारंभ हो जाता है।  इनका  पुनर्गठन इस प्रकार है।


1. प्रथम पुनर्गठन  मध्य प्रदेश राज्य का प्रथम आंतरिक पुनर्गठन 26 जनवरी 1972 को हुआ था। इसके अंतर्गत दो नए जिलों का गठन हुआ था प्रथम जिला भोपाल था जो सीहोर जिले की तहसील थी तथा दूसरा जिला राजनांदगांव बना जो दुर्ग जिले से अलग होकर बना था भोपाल मध्य प्रदेश के गठन के समय मध्य प्रदेश की राजधानी  बनी तथा वर्ष 1972 में इसे जिले का दर्जा मिला अब वर्ष के अंत तक मध्यप्रदेश में जिलों की संख्या 43 से बढ़कर  45 हो जाती है। वर्ष 1980 में एक नए संभाग चंबल संभाग का गठन होता है।

2. दूसरा पुनर्गठन  25 मई 1998 में जिलों के गठन के लिए बी. आर. दुबे समिति का गठन होता है यह समिति 10 नए जिलों  के गठन की बात करती है लेकिन कुछ क्षेत्रीय विवाद उत्पन्न होने के कारण जुलाई 1998 में ही एक और समिति सिंह देव समिति का गठन किया गया और इसने 6 और नए जिलों के गठन की बात की अतः जिलों की संख्या मध्यप्रदेश में बढ़कर 45 से 61 हो जाती है  यह नये 16 जिले इस प्रकार थे। 

(1)श्योपुर मुरैना जिले से अलग होता है
(2) कटनी यह जबलपुर जिले से अलग होता है 
(3)बड़वानी यह खरगोन जिले से अलग होता है 
(4)डिंडोरी यह मंडला जिले से अलग होता है 
(5)उमरिया यह शहडोल जिले से अलग होता है 
(6)हरदा यह  होशंगाबाद जिले से अलग होता है
(7)नीमच यह मंदसौर जिले से अलग होता है 
                              उपरोक्त जिले वर्तमान मध्यप्रदेश में शामिल हैं बचे हुए 9 जिले  मध्य प्रदेश विभाजन के बाद बने छत्तीसगढ़़ राज्य मे चले जाते हैं।
          वह 9 जिले इस प्रकार हैं जो छत्तीसगढ़ राज्य में चले जाते हैं।
(8) कोरिया यह सरगुजा जिले से अलग होता है 
(9) जशपुर यह भी सरगुजा जिले से अलग होता है
(10) कोरबा यह बिलासपुर जिले से अलग होता है
(11) महसमुंद यह बिलासपुर जिले से अलग होता है
(12)धमतरी यह रायपुर जिले से अलग होता है
(13) जांजगीर-चांपा यह भी बिलासपुर जिले से अलग होता है (14)कनकेर यह रायपुर जिले से अलग होता है 
(15)दंतेवाडा यह बस्तर जिले से अलग होता है 
(16)कवर्धा यह राजनांदगांव जिले से  अलग होता है

मध्य प्रदेश का विभाजन

            वर्ष 2000 में मध्य प्रदेश के दक्षिण पूर्वी का लगभग 30.47% हिस्सा अलग होकर भारत का एक नया राज्य छत्तीसगढ़ बनता है । इस विभाजन के फलस्वरूप मध्य प्रदेश का स्थान क्षेत्रफल की दृष्टि में प्रथम स्थान से फिसल कर राजस्थान के बाद द्वितीय स्थान पर आ जाता है मध्य प्रदेश के विभाजन से मध्य प्रदेश के 16 जिले मध्य प्रदेश से पृथक होकर छत्तीसगढ़ राज्य में चले जाते हैं तब 1 नवंबर 2000 को मध्यप्रदेश का एक नया स्वरूप अस्तित्व में आता है। जिसमें जिलों की कुल संख्या 45 और 9 संभाग होते हैं यह विभाजन प्रदेश में प्रशासनिक कुशलता लाने के लिए किया गया था।


             
मध्यप्रदेश और उसके जिले

3.  तीसरा पुनर्गठन 

                     15 अगस्त 2003 में मध्य प्रदेश में 03 नए जिलों का गठन होता है यह जिले इस प्रकार हैं

(1)अनूपपुर यह जिला शहडोल जिले से अलग होकर बनता है (2)अशोकनगर यह जिला गुना से अलग होकर बनता है 
(3)बुरहानपुर यह जिला खंडवा से अलग होकर बनता है 
                    अतः इन  जिलों के बनने के बाद मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या 45 से बढ़कर 48 हो जाती है।

4. चौथा पुनर्गठन  

                     मई 2008 में मध्य प्रदेश में पुनः 02 नए जिलों का गठन है यह जिले इस प्रकार  हैं।

(1) अलीराजपुर यह जिला झाबुआ से अलग होकर बनता है अलीराजपुर जिला मध्य प्रदेश का सबसे पश्चिमी जिला कहलाता है वर्तमान में अलीराजपुर जिले का नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद नगर रख दिया गया है क्योंकि अलीराजपुर शहीद चंद्रशेखर आजाद का जन्म स्थान है।
(2) सिंगरौली नाम का दूसरा जिला बनता है जो सीधी जिले से अलग होता है सिंगरौली मध्य प्रदेश का सबसे पूर्वी जिला है
                  अतः इन जिलों के बनने के बाद मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या 48 से बढ़कर 50 हो जाती है।

5. पांचवा पुनर्गठन 

                               16 अगस्त 2013 को मध्यप्रदेश में 01 और नए जिले का गठन होता है यह जिला शाजापुर से अलग होकर बनता है इस जिले का नाम आगर जिला है। अब मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या 50 से बढ़कर 51 हो जाती है। 

6. छठवां पुनर्गठन

                            वर्ष 2018 में शिवराज सिंह चौहान ने 1 नए जिले निवाड़ी के गठन की बात कही और अक्टूबर 2018 को टीकमगढ़ की तहसील निवाड़ी को मध्यप्रदेश का 52 वा जिला बना दिया गया अब मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या 51 से बढ़कर 52 हो जाती है अतः वर्तमान में मध्यप्रदेश में जिलों की संख्या 52 हैं। वे जिले इस प्रकार हैं
 मुरैना, श्योपुर, भिंण्ड, ग्वालियर ,दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, विदिशा, भोपाल, राजगढ़, शाजापुर, आगर, सीहोर,देवास, हरदा, होशंगाबाद, बैतूल, खंण्डवा, बुरहानपुर, खरगोन, इंदौर, बड़वानी, अलीराजपुर, धार ,झाबुआ ,उज्जैन, रतलाम , मंदसौर ,नीमच, रायसेन ,नरसिंहपुर ,छिंदवाड़ा, सिवनी, मंण्डला, बालाघाट ,जबलपुर ,दमोह ,सागर ,छत्तरपुर ,टीकमगढ़ निवाड़ी, पन्ना ,कटनी, सतना ,उमरिया, डिंण्डोरी ,शहडोल, अनूपपुर, रीवा, सिंधी, सिंगरौली जिले हैं। 

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