Saturday, August 17, 2019

मध्य प्रदेश की प्रारंभिक स्थिति और उसका गठन

नमस्कार दोस्तों आज हम मध्य प्रदेश की प्रारंभिक स्थिति अर्थात मध्य प्रदेश के गठन के पूर्व मध्य प्रदेश की संरचना और उसकी स्थिति क्या थी,इस पर चर्चा करेंगे। हम जानते हैं कि हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था। आजादी के समय और आजादी के पहले तक मध्य प्रदेश का नामो-निशान नहीं था। इस मध्य प्रदेश नाम का कोई भी राज्य नहीं था। आज हम मध्य प्रदेश की संरचना कैसे बनी और कब बनी तथा इस में किस तरह से परिवर्तन हुए इस बात की चर्चा करेंगे। 
                    आजादी से पूर्व भोपाल एक रियासत हुआ करती थी। भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम,1947 (Indian Independence Act, 1947) अनुसार सभी रियासतों के  राजाओं पर, भारत या पाकिस्तान के साथ जुड़ने अथवा स्वतंत्र रहने की जिम्मेदारी थी। मार्च 1948 में भोपाल के नवाब ने अपने आप को स्वतंत्र रहने की इच्छा जताई, जिसके विरोध में दिसंबर 1948 में आंदोलन हुए और आंदोलन के दौरान डाॅ.शंकर दयाल शर्मा और अन्य आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें 8 माह की सजा सुनाई गई। बाद में 30 अप्रैल 1949 को भोपाल के नवाब ने भारत के साथ विलय पत्र (Instrument of accession) पर हस्ताक्षर कर दिए। 1 जून 1949 से भोपाल भारतीय संघ का हिस्सा बन जाता है। और इसे भाग-ग स्टेट्स में शामिल कर लिया जाता है।
                    स्वतंत्रता के पश्चात संविधान द्वारा  वर्ष 1950 में भारतीय संघ के 29 स्टेट्स को चार भागों में बांट दिया जाता है यह चार भाग इस प्रकार थे और इनके  स्टेट इस प्रकार थे।
 भाग-(क):- इसके अंतर्गत असम, बिहार ,बॉम्बे,मध्य प्रांत और बरार क्षेत्र, मद्रास, उड़ीसा, पूर्वी पंजाब, संयुक्त प्रांत और बंगाल क्षेत्र शामिल था।
 भाग-(ख):- इसके अंतर्गत हैदराबाद, जम्मू और कश्मीर ,मध्य भारत, मैसूर, पटियाला और पूर्वी पंजाब संघ, राजस्थान, सौराष्ट्र, त्रावणकोर, और कोचीन क्षेत्र शामिल थे।
भाग-(ग):-  इसके अंतर्गत अजमेर, भोपाल, बिलासपुर, कूर्ग, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर त्रिपुरा विंध्य प्रदेश,कच्छ क्षेत्र शामिल थे।
भाग-(घ) :- इसके अंतर्गत अंडमान और निकोबार द्वीप क्षेत्र  आते थे।
                           1947 से 1956 के बीच मध्य प्रदेश के गठन में 29 स्टेट्स के चार भागों में से तीन भागों के 3 स्टेट से मिलकर बना था।
                     
मध्य प्रदेश स्टेट 

State-A:- इसके अंतर्गत बघेलखंड, छत्तीसगढ़, सीपी और बरार क्षेत्र ( Central provinces and Berar area) शामिल थे। इसमें बरार व सीपी क्षेत्र भारत मेंं वह प्रांत थे। जो अंग्रेजों द्वारा मुगलों और मराठों से जीतेेे गए थे। और जिन पर तत्कालीन भारत में अंग्रेजों का राज था। State-A को ही मध्य प्रदेश का नाम दिया गया था। तथा इसकी राजधानी नागपुर थी। मध्यप्रदेश के प्रमुख पंडित रविशंकर शुक्ल थे। इन्हें  ही मध्य प्रदेश का प्रथम मुख्यमंत्री भी कहा जाता है तथा डॉ. पट्टाभी सीतारामय्या मध्य प्रदेश के पहलेेे राज्यपाल थे। यह मध्य प्रदेश क्षेत्र संविधान द्वारा वर्गीकृत भारतीय संघ के 29 स्टेट के भाग-(क) के अंतर्गत आता था।
                      
मध्य भारत स्टेट


State-B:- इसके अंतर्गत पश्चिम-मध्य भारत की कुल 25 रियासतें शामिल थी इसे मध्य भारत नाम से जाना जाता था। इसकी राजधानी सर्दी के दिनों में  06 महीने के लिए ग्वालियर और ग्रीष्म ऋतु में 6 महीने के लिए इंदौर रहती थी। मध्य भारत के  प्रमुख लीलाधर सेठ थे। यह क्षेत्र संविधाान द्वारा वर्गीकृत भारतीय संघ केे 29 स्टेट्स के  भाग-(ख)  में आता था।


                           

विंध्य प्रदेश स्टेट
भोपाल स्टेट 

State-C:- स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात 1948 में उत्तर भारत की कुछ रियासतों  तथा मध्य प्रदेश क्षेत्र की कुछ रियासतों को मिलाकर विंध्यप्रदेश का निर्माण किया गया था इसमें भोपाल स्टेट भी शामिल था विंध्य प्रदेश के अंतर्गत 38 रियासतें आती थी इसकी राजधानी रीवा थी। विंध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पंडित शंभूनाथ शुक्ल थे। यह क्षेत्र संविधान द्वारा वर्गीकृत 29 स्टेट्स के भाग-ग के अंतर्गत आता था।

               फजल अली आयोग की सिफारिश के अनुसार, भारत सरकार  द्वारा मध्य प्रदेश का भाषाई आधार पर गठन के लिए कई सारे महत्वपूर्ण परिवर्तन किए जाते हैं।
(1) State-A के अंतर्गत आने वाले  क्षेत्र ,भंडारा ,नागपुर, वर्धा,यवतमाल ,अमरावती, अकोला, बुलढाणा और चाँदा जिले,जो पहले मध्य प्रदेश  क्षेत्र के अंतर्गत आते थे,को तत्कालीन  बाॅम्बे स्टेट में मिला दिया जाता है क्योंकि इन  क्षेत्रों में अधिकांश भाषा मराठी बोली जाती थी।
(2) State-B, इसे मध्य भारत के नाम से जाना जाता था ।इसके एक जिले मंदसौर की भानपुर तहसील के 'सुनेल टप्पा' नामक क्षेत्र को राजस्थान के साथ जोड़ दिया जाता है ।तथा शेष क्षेत्र को मध्य प्रदेश में जोड़ दिया जाता है। तथा राजस्थान के  कोटा जिले की एक तहसील  'सिरोज'को मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के साथ जोड़ दिया जाता है।
(3)State-C के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र भोपाल और विंध्य प्रदेश  का पूरा क्षेत्र मध्य प्रदेश के साथ मिला दिया जाता है।
                      1 नवंबर 1956 को 14 राज्यों का गठन कर दिया गया। इसी परिवर्तन अर्थात राज्यों के पुनर्गठन के अंतर्गत 1 नवंबर 1956 को ही मध्य प्रदेश का नया स्वरूप अस्तित्व में आया।  मध्य प्रदेश के गठन के साथ ही इसकी विधानसभा तथा राजधानी के रूप में भोपाल को चुना जाता है। मध्य प्रदेश राज्य का निर्माण तत्कालीन सीपी और बरार, मध्य भारत,विंध्य प्रदेश तथा भोपाल राज्य को मिला कर किया जाता है। बताया जाता है कि भोपाल को मध्य प्रदेश से जोड़ने व राजधानी बनाने में पंडित शंकर दयाल शर्मा और प्रथम गृह मंत्री बल्लभ भाई पटेल का अहम योगदान रहा था। भोपाल को राजधानी बनाने के बाद वर्ष 1972 में इसे जिले का दर्जा भी प्रदान किया गया। मध्य प्रदेश के गठन के समय मध्य प्रदेश में कुल 43 जिले थे। बाद में आंतरिक परिवर्तन के पश्चात मध्यप्रदेश में कुछ अन्य जिलों का भी निर्माण किया गया। आज मध्य प्रदेश में कुल 52 जिले हैं।
   
                          

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