Monday, August 19, 2019

Chief Of Defence Staff

Chief Of Defence Staff (CDS) 

                               हाल ही के 73वे स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2019 के मौके पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर मोदी जी ने दिल्ली के लाल किले से अपने भाषण के दौरान Chief of defence staff (CDS)  पद के जल्द से जल्द गठन करने की घोषणा की है। यह पद तीनों सेनाओं इंडियन आर्मी, इंडियन एयरफोर्स, इंडियन नेवी को एक प्रभाव कारी नेतृत्व प्रदान करेगा


चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद क्या है( what is Chief of Defence staff ):- सीडीएस पद तीनों सेनाओं के सेना प्रमुखों के ऊपर का पद होगा जो देश के प्रधानमंत्री तथा रक्षा मंत्री के लिए महत्वपूर्ण रक्षा और राजनीतिक मुद्दों पर सलाहकार की भूमिका निभाएगा तथा तीनों सेनाओं के लॉजिस्टिक, प्रशिक्षण, तथा रक्षा खरीद के लिए भी सलाह देगा अर्थात यह एक सिंगल पॉइंट ऑफ एडवाइजरी का कार्य करेगा।

                        यह पहली बार नहीं है। कि जब सीडीएस(CDS) का पद बनाया जा रहा हो। पूर्व उपप्रधानमंत्री व गृहमंत्री रह चुके, लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में के. सुब्रमण्यम समिति द्वारा भी 1999 के कारगिल युद्ध के  बाद लगभग, 20 वर्ष पहले इस पद के लिए विचार किया गया था। लेकिन तीनों सेनाओं के बीच राजनीतिक सहमति ना होने पर यह कार्य आगे ना बढ़ सका।
                         वर्ष 2012 में नरेश समिति में चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी(Chief of staff committee ) के एक स्थाई सदस्य की नियुक्ति की सिफारिश की थी। यह तीनों  सेनाओं के सेना प्रमुख में जो अधिकारी सबसे वरिष्ठ( as per length of service) होता है। उसे इस पद का अध्यक्ष बनाया जाता है। वर्तमान में तीनों सेनाओं प्रमुखों  में सबसे वरिष्ठ अधिकारी  वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोवा है। वह चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (COSC) के अध्यक्ष हैं। वह 30 सितंबर 2019 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनके बाद अगले वरिष्ठ अधिकारी आर्मी प्रमुख जनरल बिपिन रावत  होंगे।
   
Chief of Army, Airforce, Navy

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद के लाभ:-  

*भारत एक  nuclear state है सीडीएस सरकार को न्यूक्लीयर हथियारों के इस्तेमाल व रखरखाव में सलाहकार का काम भी करेगा।
* आपातकालीन स्थिति में तीनों सेनाएं मिलकर कार्य करेंगे।
* आंतरिक सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष सुरक्षा,  इंटेलिजेंस, प्रबंधन इत्यादि का सुनियोजित तरीके से क्रियान्वयन किया जा सकेगा।
* एक ही तकनीक को तीनों सेनाओं को अलग-अलग खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
* मतभेद होने पर तीनों सेनाऐं मिलकर बात को आसानी से सुलझाया जा सकेगा तथा सेना  एकता का प्रतीक होगी।
* तीनों सेनाओं को एक दृष्टि से समान व प्रभावशाली नेतृत्व मिलेगा।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद की कमियां/हानियां:-

* सेनाओं की आंतरिक कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है तथा अपने तरीके से क्रियान्वित कर सकता है।
* सेना के लिए वित्त बजट की कटौती करवा सकता है।
*  सीडीएस पद का कार्यकाल कितना होगा तथा इसके पदाधिकारी की रैंक तीनों सेना प्रमुख के समतुल्य या उसके ऊपर होगी, यह अभी तक तय नहीं हो सका है।
* जवाबदेही व उत्तरदायित्व किसके प्रति होगा।
* अधिकार क्या क्या होंगे।
* तीनों सेनाओं के स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होगी।
                        किंतु यदि समय लेकर उचित कार्य प्रणाली अपनाते हुए इस पद का गठन किया जाता है तो सफलतापूर्वक पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ कार्य किया जा सकता है। विभिन्न देशों में इस पद को अपनाया गया है। अमेरिका में ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी ,चीन  में पांंच एरिया कमांड है। अतः  वर्तमान को देखते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद का गठन जरूरी है। क्योंकि आज केेे समय  में युद्ध जल, थल व वायु से बढ़कर साइबर, अंतरिक्ष ,नाभिकीय क्षेत्र में भी अपना दायरा बढ़ा  चुका है।ऐसी कठिन परिस्थितियों और चुनौतियों से निपटने के लिए एकीकृत सेना  व्यवस्था का होना भविष्य में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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