Friday, June 28, 2019

मिस्ड काॅल......एक प्रेम कथा।


                मिस्ड काॅल.....एक प्रेम कथा


                       ये बात उन दिनो की है जब किसी के पास मोबाइल होना एक  बड़ी बात मानी जाती थी। लोग मोबाइल पर ऐसे बात करते थे जैसे किसी टाटा या बिरला के खानदान से हो। उन्है अपने पास मोबाइल होने का ऐसा गुरूर रहता था जैसे अब बस वही है सब कुछ।
                         धीरे धीरे समय बदला और अधिकतर लोग मोबाइल का इस्तेमाल करने लगे ।अब लोगों को अपनी बात दूर किसी सगे-सम्बन्धी से करने के लिए पत्र(चिठ्ठी) का इंतजार नहीं करना होता था। वह अपने मोबाइल से जब चाहे और जिससे चाहे बात कर सकते थे।समय के साथ मोबाइल का प्रचलन धीरे धीरे बढता गया।इन्हीं दिनों कानपुर के पास के एक कस्बा में रचना नाम की एक लड़की रहती थी। चेहरे से मासूम और दिल में बेचैनी के साथ वह लम्बे लम्बे कदमो से मोबाइल की दुकान पर पहुंचती है। और अच्छा सा मोबाइल दिखाने की बात करती है। कई सारे मोबाइल देखने के बाद आखिर में वह एक मोबाइल पसंद करके घर लाती है। नए मोबाइल मे नई सिम डाल कर अपने सभी मित्रों को अपने नये मोबाइल लेने की बात बताती है।
                 एक दिन वह कॉलेज से वापस आकर घर पर अकेले बैठी थी। कि तभी अचानक एक घण्टी की आवाज सुनाई देती हैं।यह घण्टी कुछ और नहीं बल्कि मोबाइल की टोन थी। रचना के मोबाइल उठाने से पहले ही काल कट जाती हैं। रचना मोबाइल को अच्छे से देखती है। और मोबाइल पर लिखे मिस्ड काॅल को देख कर उस नम्बर पर काॅल करने की सोचती है। बार बार उसके मन में बस यही ख्याल आ रहा था,कि अखिर कौन है वो जिसने उसे मिस्ड काॅल किया। इसी सोच में डूबे हुए शाम कब हो जाती है उसे कोई खबर नहीं रहती।
                            शाम को घर के सारे लोग आते हैं, और    मिल कर हंसी मजाक करते है,लेकिन रचना के मन में कुछ और ही चल रहा होता है। वह परिवार के बीच होते हुए भी उनके बीच नही थी, उसके मन में एक अजीब सी बेचैनी हो रही थी। और बार बार बस उस मिस्ड काॅल के बारे में सोच रही होती है ।रात में सब लोग खाना खाने के बाद अपने अपने कमरे में चले जाते हैं ।रचना भी अपने कमरे में चली जाती हैं। और बिस्तर पर लेट कर, तकिऐ को सीने से लगाऐ हुए बस यही सोचती रहती है,कि कौन है वो जिसने उसे मिस्ड काॅल किया। यही सोचते सोचते कब रचना की आँख लग जाती है पता भी नहीं चलता।
                            अगली सुबह रचना तैयार होकर नाश्ता  करके अपने कॉलेज के लिए चल देती है। रास्ते में जाते हुए रचना उस मिस्ड काॅल वाले नम्बर को देखती जाती है और उस मिस्ड काॅल के पीछे कौन है,जानने की बैचेनी में उस नम्बर पर काॅल कर देती है। बहुत देर तक रिंग होने के बाद भी जब कोई फोन नही उठाता है तब रचना गुस्से में मोबाइल को बंद करके अपने बैग में रख लेती है। और  कालेज पहुंच कर अपने दोस्तों के साथ क्लास में पढ़ाई करती हैं। कॉलेज से घर आते हुए   रास्ते में वह यही सोचती है की यह मिस कॉल आखिर है किसका।  और फिर से एक बार वह उसी नंबर पर कॉल करती है इस बार वह नंबर कोई लड़का उठाता है लड़के की आवाज सुनकर वह फोन काट देती है और मन में एक संकोच के साथ यही सोचती है कि आखिर यह किसका नंबर लग गया है थोड़ी ही देर बाद उसके नंबर पर घंटी बजती है डरते डरते फोन उठाती है और बड़ी ही शांत स्वभाव में डरे हुए अंदाज में सामने वाले से बात करने की कोशिश करती है सामने वाले के द्वारा पूछे जाने पर के आपने मुझे मिस कॉल किया है तो वह गुस्से में आकर उससे पूछती है  की आप हो कौन और आपने पहले मुझे मिस कॉल क्यों किया। सामने वाला यह बोलकर की गलती से नंबर कनेक्ट हो गया,सॉरी बोल कर फोन काट देता है लेकिन रचना के मन में तो कुछ और ही चल रहा था 2 दिन तक उस  मिस्ड कॉल के बारे में सोच सोच कर उसके दिल में उस सामने वाले   के लिए एक अजीब सा एहसास होने लगा था। और वह घर पहुंचने तक उसी के बारे में सोचती रहती है। घर पहुंचकर वह सब के साथ मिलकर हंसी मजाक करती है, और शाम का समय परिवार वालों के साथ बताती है। रात में खाना खाने के बाद जब वह अपने कमरे में जाती है, और बिस्तर पर लेटे हुए बस यही सोचती है कि आखिर वह लड़का है कौन, और इसी बेचैनी में वह एक बार फिर से उस मिस्ड कॉल वाले नंबर पर कॉल कर बैठती है।फोन रिसीव होने पर सामने वाले लड़के का जवाब सुनकर रचना परेशान हो जाती है।वह लड़का बोलता है के आप वही हो जो मुझे 2 दिन से फोन कर रही हो, कौन हो तुम, और क्या चाहती हो। यह बात सुनकर रचना के मन में एक अजीब सा बेचैनी  और एक अलग सा एहसास होने लगता है रचना के मुंह में बोलने के लिए कुछ शब्द नहीं रहते और वह सामने वाले से बस उसको जानने की फरमाइश करती है। यह सोचकर कि सामने वाला अनजान है रचना अपनी कोई भी सच्चाई नहीं बताती है और लड़के से सारी सच्चाई पता करने की कोशिश करती है लड़का बहुत अच्छा तरीके से उसे अपने बारे में बता देता है।बहुत देर बात करने के बाद रचना को उस लड़के की बातों से बहुत आनंद की प्राप्ति होती है और वह उससे दोबारा बात करने के लिए बोलती है रचना की यह बात सुनकर लड़का कुछ देर के लिए परेशान होता है, कि यह कौन है   जो मुझसे इस तरह बार-बार बात करने के लिए  कहती है  रचना के बार बार कहने पर वह लड़का मान जाता है  लड़का कहता है कि वह  अभी डिफेंस की ट्रेनिंग में है तो वह ज्यादा बात नहीं कर पाएगा लेकिन जब भी उसके पास समय होगा वह बात कर लिया करेगा। इतना बात करके रचना उस लड़के को गुड नाइट बोलकर फोन काट देती है
                                 अब रचना अक्सर जब भी खाली समय पाती है तो वह  उस लड़के को कॉल लगाती है और लड़का भी अपने खाली समय में रचना से अपने दिल की बातें करने लगता है धीरे धीरे समय गुजरता जाता है और लड़का ट्रेनिंग पास आउट होता है और नई जगह पोस्टिंग जाता है इसी बीच उस  रचना का एक्सीडेंट हो जाता है और उसका मोबाइल टूट जाता है वहां दूसरी ओर लड़का कई बार रचना के नंबर पर फोन करता है लेकिन कोई उत्तर नहीं मिलता है रचना का नंबर बार-बार बंद जा रहा था कई दिनों तक फोन करने के बाद भी जब कोई उत्तर नहीं मिलता है तो वह उसके नंबर पर कुछ मैसेज छोड़ देता है और उसे कभी कॉल ना करने की बात करता है। जब रचना को यहां पता चलता है वह हॉस्पिटल में है और उसका मोबाइल टूट चुका है   तो उसे अपने एक्सीडेंट से ज्यादा मोबाइल के टूटने का दुख होता है और बस यही सोचती है कि आखिर उस लड़के से दोबारा कैसे बात होगी उसके पास लड़के का कहीं नंबर लिखा हुआ नहीं था आखिर कुछ दिनों बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद जब रचना ठीक होकर अपने घर आती है,तो सबसे पहले अपने मोबाइल की सिम को दोबारा चालू करवाने की कोशिश करती है और वह अपनी कोशिश में कामयाब भी हो जाती है   इधर वह लड़का  रचना  के बारे में सोच सोच कर परेशान रहता है और आखिर एक दिन वह फिर से रचना के नंबर पर कॉल पर बैठता है रचना भी उसके नंबर का और उसके कॉल  का बेसब्री के साथ  इंतजार कर रही थी लड़के  का कॉल आते ही वह उसकी आवाज सुनकर पूरी तरीके से ठीक हो जाती है और आंखों में आंसुओं के साथ जोर जोर से रोने लगती है के आखिर इतने दिनों तक तुमने उससे संपर्क बनाने की कोशिश क्यों नहीं की ।लड़के के द्वारा कही गई बात सुनकर रचना को लड़के के ऊपर प्यार आने लगता है लड़का कहता है कि मैंने कभी किसी से इतनी बात नहीं की जितना तुमसे की है शायद तुम ही मेरा पहला प्यार हो रचना ।यह बात सुनकर  रचना चुपचाप रह जाती है और बस रोती रहती है।
○                             बहुत दिन होने के बाद रचना उस लड़के को मिलने के लिए बोलती है लड़का भी बहुत दिन तक मोबाइल पर बात करते हुए  रचना को सामने से देखने की इच्छा रखता है दोनों एक दूसरे की बात मान कर मिलने का प्लान बनाते हैं लड़का पहली छुट्टी आता है और रचना से मिलने  के लिए जाता है रचना भी उसे एक पार्क में मिलने के लिए बुलाती है दोनों की मुलाकात एक पार्क में होती है जहां वह लड़का रचना को देखकर आश्चर्यचकित रह जाता है यह रचना कोई कुंवारी लड़की नहीं बल्कि एक शादीशुदा लड़की है जो उससे मिलने आई है। लड़के को इस तरीके से  आश्चर्यचकित  देख   कर रचना उस  लड़के को अपनी सारी हकीकत बताने को तैयार हो जाती है  और अपने साथ हुए बचपन के जल्दी विवाह और विवाह के बाद पति द्वारा जल्दी से छोड़ दिए जाने के दर्द की कहानी उस लड़के को बताती है वह लड़की शादीशुदा होते हुए भी अपने मां बाप के यहां वह रही थी लड़की की यह बात सुनकर लड़का उदास हो जाता है और उसे भी लड़की के ऊपर प्यार आने लगता है वह लड़का रचना को अपनी सारी हकीकत बता कर  वहां से चला जाता है और दोबारा मिलने की ख्वाहिश करता है रचना को भी उससे  दोबारा मिलने की इच्छा होती है।और वह इसी आस में के अगली बार फिर से मुलाकात होगी एक दूसरे को अलविदा कह कर चले जाते हैं
○                       उसके बाद से उनके बीच अक्सर बातें होने लगती हैं  धीरे धीरे उनकी बातें  प्यार मे बदलने लगती हैं। रचना  लड़के से बहुत प्यार करने लगती है लड़का भी लड़की से बहुत प्यार करने लगता है लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था रचना को उसके पति के घर से बुलावा आ जाता है उसका पति उसे लेने के लिए आता है। रचना यह सोच नहीं पा रही थी, कि वह क्या करें, वह अपने पति के साथ उसके घर चली जाए या वो जिस लड़के से प्यार करने लगी है  उसके साथ जाए। आखिर मां बाप की मजबूरी को ध्यान में रखते हुए वह अपने पति के साथ उसके घर वापस चली जाती है।पति के घर जाने के बाद भी  उसके दिलो-दिमाग में बस उस लड़के का ही ख्याल रहता था उसे जब भी समय मिलता था वह लड़के से बात करने की कोशिश करती थी जब लड़के को यह पता चला  की रचना अपने पति के घर जा चुकी है तो लड़का रचना की जिंदगी से बाहर आने की कोशिश करता है। और रचना को अपने पति के साथ हंसी-खुशी रहने की बात करता है।  लेकिन रचना को केवल और केवल उस लड़के का ही साथ चाहिए था लड़के के बार-बार मना करने पर भी वह उसके साथ ही रहना चाहती थी।लड़का जानता था कि रचना एक शादीशुदा औरत है,और वह उसके पति को धोखा नहीं देना चाहता था और इसलिए  हर बार जब भी रचना उससे बात करती   लड़का उसे हर बार उसके पति के साथ रहने और  उसी को प्यार करने की बात   करता। बहुत समझाने पर भी रचना को कुछ नहीं समझ  आ रहा था। उसे सिर्फ और सिर्फ उस लड़के   मे ही अपना  सब कुछ  दिखाई दे रहा था।  लेकिन लड़का बहुत समझदार था वह जब भी रचना से बात करता हर बार रचना को उसके पति की तारीफ करता और रचना से कहता कि वह अपने पति के साथ खुश रहे । हमारे  बीच जो प्यार था वह हमेशा रहेगा। लेकिन जो तुम्हारा असल प्यार है  वह तुम्हारा पति है। मैं सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे लिए एक मिस कॉल हूं ।और मुझे मिस कॉल ही बना रहने दो।मेरे प्यार को अपने पति के प्यार में शामिल मत होने दो ।मैं मिस कॉल हूं और मेरा प्यार भी एक मिस कॉल ही है।यह कहकर लड़का फोन काट देता है और मोबाइल को बंद करके सिम को हमेशा के लिए तोड़ कर फेंक देता है और कोशिश करता है कि कभी किसी भी मिस कॉल पर किसी से बात ज्यादा ना करें।
               






 








 





No comments:

Post a Comment

मध्यप्रदेश के संभाग व मध्य प्रदेश की अंतर राज्य सीमा( इंटर स्टेट बाउंड्री ऑफ़ मध्य प्रदेश)

मध्यप्रदेश के संभाग नमस्कार दोस्तों आज हम मध्य प्रदेश के सभी संभागों का अध्ययन करेंगे तथा इसके अंतर्गत आने वाले जिलों के बारे में भी चर्...