सही सवाल ....एक बेहतर कल
आजकल समाज का माहौल दिन प्रतिदिन बदलता जा रहा है।जहां हम अपने बच्चों के भविष्य के लिए हर सम्भव कोशिश मे लगे रहते हैं।. वही हम आजकल अपने बच्चों से दूर भी होते जा रहे है।. हम अपनी भौतिक सुख सुविधा के पीछे भागने मे लगे रहते हैं। और इसी भागदौड़ मे हम अपने बच्चों को समय देना भूल जाते हैं.। जब भी अपने बच्चों से बात करते हैं तो सिर्फ़ यहि की आप कैसे हो, स्कूल कैसा चल रहा हैं एग्जाम कब से है।. पढाई कैसी चल रही है। इस तरह के सवाल रह्ते है। बच्चा भी धीरे धीरे इन सवालो का आदी हो जाता है और वह भी "हाँ ठीक है " "अच्छा है "।इस तरह के जवाब देना शुरू कर देता है।
हमे चाहिये कि हम अपने सवाल थोडा अलग तरीके से करे. जिससे कि बच्चा उन सवालो का जवाब "हाँ " "नही " और" ठीक है " से हट कर कुछ और दे सके.
हमे चाहिये कि हम पूछे कि
आज तुम्हरी क्लास मे कितने बच्चे आये थे।
तुम्हरी क्लास टीचर कौन से रंग के कपड़े पहन के आये थे।
. तुमने किस किस के साथ अपना खाना खाया और किस किस को खाना खिलाया ।
तुमने आज स्कूल मे किस की मदद की ।
तुमने आज कौन सा सबसे अच्छा काम किया है ।
इस तरह के सवाल पूछ्ने से और उसे ये सब बाते बताने से एक तो उसे अपने आस पास कौन कौन है, इसका पता चलता है। साथ ही साथ उसे लोगो की मदद करना की भावना आती है।साथ ही साथ उसका दिमाग हमेसा सतर्क रह्ता हैं। उसमे लोगो को याद रखने,रंग पहचानना, अपनी
बात बोलने आदि से उसके दिमाग का विकास होता है .
तथा जैसे जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं उन्हे प्यार के साथ साथ, एक दोस्ती का अह्सास भी कराना चाहिये. हमे
अपने बच्चों के साथ एक दोस्त की तरह बन कर रहना चाहिए कोशिश करनी चाहिए कि पति पत्नी को अपने बच्चों के सामने कभी भी बहस ना करे और ना ही कभी एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करनी चाहिए क्योकि बच्चे जैसा देखते हैं वैसा हि वो अपने जीवन मे उतारते है
हमे अपने बच्चों को अन्जान लोगो से किस तरह बात करे तथा अन्जान या कोई रिश्तेदार के द्वारा एक अच्छे स्पर्श और एक बुरे स्पर्श के बारे मे समझाना चाहिए और हमेशा एक बात जरूर बोले के कभी भी कोई भी काम करते समय अगर कभी मन मे ये ख्याल आये कि ये काम सही है या गलत,तब सिर्फ़ तुम अपने माता पिता को याद करे और सोचो कि क्या मेरे माता पिता मेरे इस काम से खुश होगे की नही .तुम्हे खुद व खुद सही रास्ता मिल जायेगा.
अतः अंत में यही कहना चहूँगा की बच्चे आप का सबसे बडा धन है उन्हे जितनी अच्छी शिक्षा और संस्कार मिलेंगे वह उतना अच्छे नागरिक बनेगे.
आजकल समाज का माहौल दिन प्रतिदिन बदलता जा रहा है।जहां हम अपने बच्चों के भविष्य के लिए हर सम्भव कोशिश मे लगे रहते हैं।. वही हम आजकल अपने बच्चों से दूर भी होते जा रहे है।. हम अपनी भौतिक सुख सुविधा के पीछे भागने मे लगे रहते हैं। और इसी भागदौड़ मे हम अपने बच्चों को समय देना भूल जाते हैं.। जब भी अपने बच्चों से बात करते हैं तो सिर्फ़ यहि की आप कैसे हो, स्कूल कैसा चल रहा हैं एग्जाम कब से है।. पढाई कैसी चल रही है। इस तरह के सवाल रह्ते है। बच्चा भी धीरे धीरे इन सवालो का आदी हो जाता है और वह भी "हाँ ठीक है " "अच्छा है "।इस तरह के जवाब देना शुरू कर देता है।
हमे चाहिये कि हम अपने सवाल थोडा अलग तरीके से करे. जिससे कि बच्चा उन सवालो का जवाब "हाँ " "नही " और" ठीक है " से हट कर कुछ और दे सके.
हमे चाहिये कि हम पूछे कि
आज तुम्हरी क्लास मे कितने बच्चे आये थे।
तुम्हरी क्लास टीचर कौन से रंग के कपड़े पहन के आये थे।
. तुमने किस किस के साथ अपना खाना खाया और किस किस को खाना खिलाया ।
तुमने आज स्कूल मे किस की मदद की ।
तुमने आज कौन सा सबसे अच्छा काम किया है ।
इस तरह के सवाल पूछ्ने से और उसे ये सब बाते बताने से एक तो उसे अपने आस पास कौन कौन है, इसका पता चलता है। साथ ही साथ उसे लोगो की मदद करना की भावना आती है।साथ ही साथ उसका दिमाग हमेसा सतर्क रह्ता हैं। उसमे लोगो को याद रखने,रंग पहचानना, अपनी
बात बोलने आदि से उसके दिमाग का विकास होता है .
तथा जैसे जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं उन्हे प्यार के साथ साथ, एक दोस्ती का अह्सास भी कराना चाहिये. हमे
अपने बच्चों के साथ एक दोस्त की तरह बन कर रहना चाहिए कोशिश करनी चाहिए कि पति पत्नी को अपने बच्चों के सामने कभी भी बहस ना करे और ना ही कभी एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करनी चाहिए क्योकि बच्चे जैसा देखते हैं वैसा हि वो अपने जीवन मे उतारते है
हमे अपने बच्चों को अन्जान लोगो से किस तरह बात करे तथा अन्जान या कोई रिश्तेदार के द्वारा एक अच्छे स्पर्श और एक बुरे स्पर्श के बारे मे समझाना चाहिए और हमेशा एक बात जरूर बोले के कभी भी कोई भी काम करते समय अगर कभी मन मे ये ख्याल आये कि ये काम सही है या गलत,तब सिर्फ़ तुम अपने माता पिता को याद करे और सोचो कि क्या मेरे माता पिता मेरे इस काम से खुश होगे की नही .तुम्हे खुद व खुद सही रास्ता मिल जायेगा.
अतः अंत में यही कहना चहूँगा की बच्चे आप का सबसे बडा धन है उन्हे जितनी अच्छी शिक्षा और संस्कार मिलेंगे वह उतना अच्छे नागरिक बनेगे.
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